पुरुषों में होने वाली मुख्य स्वास्थ्य समस्याएं, जिन्हें जान लेना है बेहद जरूरी
- Healthy Nuskhe
- Apr 13, 2020
ये मानव जीवन कितनी मुश्किल से मिलता है, इसका मतलब स्वयं आज का आधुनिक मनुष्य की नहीं समझ पा रहा यह अत्यंत दुखद है। इसीलिए चाहे वह स्त्री हो या पुरुष लगभग 90 फ़ीसदी अपने स्वास्थ्य के बजाय अपनी कृत्रिम चीजों को ज्यादा महत्व देते हैं, जो तुच्छ आवश्यकताओं की पूर्ति के अलावा एक लंबे जीवन जीने में कभी सहायक नहीं हो सकते हैं। वहीं पुरुषों में स्वास्थ्य को लेकर लापरवाही ज्यादा देखी जाती है। आइए जानते हैं, पुरुषों में को होने वाली मुख्य स्वास्थ्य समस्याएं-
पुरुषों में एल्कोहल से पनपती हैं हेल्थ प्राॅब्लम्स
एक शोध के मुताबिक शराब से हुई मौतों और अस्पताल में भर्ती होने वाले अनुपात में महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों की संख्या अधिक है। वैसे शराब के सेवन का प्रचलन महिलाओं के बीच भी हो चुका है। लेकिन अभी भी पुरुषों के शराब पीने की दर काफी ज्यादा है। शराब का सेवन मुंह, गले, पेट व लीवर के कैंसर के लिए मुख्य कारण हो सकता है। शराब को एक धीमे जहर की संज्ञा देना गलत नहीं होगा। जो धीरे-धीरे मनुष्य की मौत का कारण बन जाती है। शराब एक स्वस्थ पुरुष के लिए नपुंसकता का कारण भी बन सकती है।
खर्राटों की समस्या
नींद में खर्राटों की समस्या एक गंभीर बीमारी को बुलावा दे सकता है। क्योंकि खर्राटे लेना भी एक बीमारी है। खर्राटों की समस्या आमतौर पर पुरुषों में महिलाओं की अपेक्षा अधिक पाई जाती है। खर्राटे से ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियां भी पनप सकती हैं। नींद में खर्राटे लेते वक्त अचानक ब्लड प्रेशर बढ़ जाने से हार्टअटैक भी हो सकता है। नींद में आने वाले खर्राटों को एक तरह से पुरुषों की बीमारी ही माना जाता है। डॉक्टरों के मुताबिक यह बीमारी युवा से लेकर वृद्धावस्था के लोगों के बीच होती है। इस बीमारी का मुख्य कारण शरीर का अधिक वजन माना जाता है।
फेफड़ों के कैंसर से पुरुष ज्यादा होते हैं ग्रसित
फेफड़ों के कैंसर का कारण अत्यधिक धूम्रपान होता है। भारत में अधिकतर मुंह या फेफड़ों के कैंसर के मामले अधिकतर सामने आते हैं। इस तरह के कैंसर होने का कारण अधिक धूम्रपान या तंबाकू, गुटके आदि का सेवन ज्यादा करने से होता है। महिलाओं में भी धूम्रपान करने की भारी लत देखी गई है, लेकिन अभी भी पुरुषों के मुकाबले कम है।
डिप्रेशन की समस्या पुरुषों में होती है अधिक
दुनिया भर के पुरुषों में महिलाओं के मुकाबले डिप्रेशन या अवसाद की समस्या काफी ज्यादा होती है। ऐसे अवसाद तनाव, थकान या किसी भी प्रकार के वर्कलोड की वजह से उत्पन्न हो सकते हैं। अक्सर वर्किंग वूमेन अपने काम को लेकर इतना डिप्रेस्ड नहीं होती हैं। लेकिन पुरुषों में इस तरह के डिप्रेशन की समस्या देखी जाती है।
पुरुषों को अधिकतर होता है त्वचा का कैंसर
अधेड़ उम्र के बाद लगभग 50 से 60 वर्ष के आयु वर्ग के पुरुषों में स्किन कैंसर होने के चांस अधिक होते हैं। त्वचा का कैंसर केवल भारत ही नहीं अपितु वर्ल्ड के कई देशों में एक विशेष आयु वर्ग के लोगों को अपनी चपेट में लेता है। महिलाओं की तुलना में 2 से 3 गुना अधिक त्वचा कैंसर के मामले पुरुषों के होते हैं।
निमोनिया तथा इन्फ्लुएन्जा के मामले पुरुषों में अधिक
पुरुषों को होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं में इनफ्लुएंजा और निमोनिया के मामले ज्यादा पाए जाते हैं। पुरुषों को इस तरह की बीमारी होने का कारण कई अन्य बीमारियां भी हो सकती हैं जैसे मधुमेह, एचआईवी, ब्लड प्रेशर, व कई तरह के कैंसर जो निमोनिया और इन्फ्लूएन्जा से पुरुषों को ग्रसित होने में मदद करते हैं।
पुरुषों में एल्कोहल से पनपती हैं हेल्थ प्राॅब्लम्स
एक शोध के मुताबिक शराब से हुई मौतों और अस्पताल में भर्ती होने वाले अनुपात में महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों की संख्या अधिक है। वैसे शराब के सेवन का प्रचलन महिलाओं के बीच भी हो चुका है। लेकिन अभी भी पुरुषों के शराब पीने की दर काफी ज्यादा है। शराब का सेवन मुंह, गले, पेट व लीवर के कैंसर के लिए मुख्य कारण हो सकता है। शराब को एक धीमे जहर की संज्ञा देना गलत नहीं होगा। जो धीरे-धीरे मनुष्य की मौत का कारण बन जाती है। शराब एक स्वस्थ पुरुष के लिए नपुंसकता का कारण भी बन सकती है।
खर्राटों की समस्या
नींद में खर्राटों की समस्या एक गंभीर बीमारी को बुलावा दे सकता है। क्योंकि खर्राटे लेना भी एक बीमारी है। खर्राटों की समस्या आमतौर पर पुरुषों में महिलाओं की अपेक्षा अधिक पाई जाती है। खर्राटे से ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियां भी पनप सकती हैं। नींद में खर्राटे लेते वक्त अचानक ब्लड प्रेशर बढ़ जाने से हार्टअटैक भी हो सकता है। नींद में आने वाले खर्राटों को एक तरह से पुरुषों की बीमारी ही माना जाता है। डॉक्टरों के मुताबिक यह बीमारी युवा से लेकर वृद्धावस्था के लोगों के बीच होती है। इस बीमारी का मुख्य कारण शरीर का अधिक वजन माना जाता है।
फेफड़ों के कैंसर से पुरुष ज्यादा होते हैं ग्रसित
फेफड़ों के कैंसर का कारण अत्यधिक धूम्रपान होता है। भारत में अधिकतर मुंह या फेफड़ों के कैंसर के मामले अधिकतर सामने आते हैं। इस तरह के कैंसर होने का कारण अधिक धूम्रपान या तंबाकू, गुटके आदि का सेवन ज्यादा करने से होता है। महिलाओं में भी धूम्रपान करने की भारी लत देखी गई है, लेकिन अभी भी पुरुषों के मुकाबले कम है।
डिप्रेशन की समस्या पुरुषों में होती है अधिक
दुनिया भर के पुरुषों में महिलाओं के मुकाबले डिप्रेशन या अवसाद की समस्या काफी ज्यादा होती है। ऐसे अवसाद तनाव, थकान या किसी भी प्रकार के वर्कलोड की वजह से उत्पन्न हो सकते हैं। अक्सर वर्किंग वूमेन अपने काम को लेकर इतना डिप्रेस्ड नहीं होती हैं। लेकिन पुरुषों में इस तरह के डिप्रेशन की समस्या देखी जाती है।
पुरुषों को अधिकतर होता है त्वचा का कैंसर
अधेड़ उम्र के बाद लगभग 50 से 60 वर्ष के आयु वर्ग के पुरुषों में स्किन कैंसर होने के चांस अधिक होते हैं। त्वचा का कैंसर केवल भारत ही नहीं अपितु वर्ल्ड के कई देशों में एक विशेष आयु वर्ग के लोगों को अपनी चपेट में लेता है। महिलाओं की तुलना में 2 से 3 गुना अधिक त्वचा कैंसर के मामले पुरुषों के होते हैं।
निमोनिया तथा इन्फ्लुएन्जा के मामले पुरुषों में अधिक
पुरुषों को होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं में इनफ्लुएंजा और निमोनिया के मामले ज्यादा पाए जाते हैं। पुरुषों को इस तरह की बीमारी होने का कारण कई अन्य बीमारियां भी हो सकती हैं जैसे मधुमेह, एचआईवी, ब्लड प्रेशर, व कई तरह के कैंसर जो निमोनिया और इन्फ्लूएन्जा से पुरुषों को ग्रसित होने में मदद करते हैं।
डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।