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डायबिटीज के मरीज पानी पीकर भी कंट्रोल कर सकते हैं अपनी शुगर, जानें कैसे

By Healthy Nuskhe | Nov 13, 2021

डायबिटीज़ के मरीजों को अपने खानपान और जीवनशैली का ख़ास ख्याल रखना चाहिए। डायबिटीज के मरीज अपने ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए तरह-तरह के उपाय करते हैं। लेकिन आज हम आपको शुगर को कंट्रोल करने का सबसे आसान तरीका बताने जा रहे हैं -   

डायबिटीज के मरीज पीनी पीकर भी अपने शुगर लेवल को नियंत्रित रख सकते हैं। इसके लिए आपको तांबे यानी कॉपर के बर्तन में पानी पीना होगा। दरअसल,    तांबा एक ऐसा खनिज पदार्थ है जिसके अंदर ब्लड शुगर लेवल को कम करने वाले गुण मौजूद होते हैं। तांबे के बर्तन में रखे गए पानी को पीने से वात, कफ  और पित्त संतुलित रहते हैं जिससे कई तरह की बीमारियों से बचाव होता है।

तांबे के बर्तन में रखे गए पानी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लामेट्री गुण मौजूद होते हैं जो इम्यूनिटी को मजबूत करने में मदद करते हैं और रेल ब्लड सेल्स का निर्माण करते हैं। तांबे के बर्तन में रखे गए पानी का सेवन करने से स्किन प्रॉब्लम्स, सूजन आदि समस्याओं में लाभ होता है। 

तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से पेट संबंधी समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है। इस पानी को पीने से शरीर में न्यूट्रिएंट्स आसानी से अब्सॉर्ब हो जाते हैं जिससे स्वास्थ्य को लाभ होता है। तांबे के बर्तन का पानी पेट दर्द, गैस, एसिडिटी और कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है।

कैसे करें तांबे के बर्तन का इस्तेमाल
तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने का फायदा आपको तभी मिलेगा जब आप इसका इस्तेमाल सही तरीके से इस्तेमाल करेंगे। इसके लिए रात में तांबे के बर्तन में पानी भरकर रख दें और सुबह इसका सेवन करें। ध्यान रखें कि तांबे के बर्तन में ज़मीन पर न रखें, बल्कि इसे किसी टेबल पर रखें। आपको बता दें कि तांबे के बर्तन में पानी को कम से कम 8 घंटे रखें तभी यह फायदेमंद होगा। हालाँकि, अगर आप डायबिटीज की दवा ले रहे हैं तो तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से आपका ब्लड शुगर लेवल अचानक कम हो सकता है, इसलिए डॉक्टर से अवश्य सलाह लें। 

तांबे के बर्तन की सफाई 
अगर आप तांबे के बर्तन में पानी भरकर रखते हैं तो उसकी सफ़ाई का भी खास ध्यान रखें। तांबे के बर्तन को अंदर और बाहर दोनों ओर से अच्छी तरह से साफ करें। यदि तांबे के बर्तन को कई दिनों तक साफ ना किया जाए इसके अंदर कॉपर ऑक्साइड की (हरे रंग) की परत जमने लगती है जिससे पानी का पूरा लाभ नहीं मिलेगा। इतना ही नहीं, कॉपर ऑक्साइड और तांबे के रिएक्शन से साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं।
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