Health Tips: डिप्रेशन, नींद और पेट दर्द का कारण बनती हैं ठंडी चीजें, जानिए क्या कहती है रिसर्च
- अनन्या मिश्रा
- Nov 03, 2025

क्या आप भी फ्रिज से निकालकर ठंडा दूध, दही या जूस पीना पसंद करती हैं। अगर आपका जवाब हां है तो शायद आपने कभी नोटिस किया होगा कि ठंडा खाने के बाद शरीर भारी या फिर सुस्त लगने लगता है। कभी-कभी मन बेचैन हो जाता है। वहीं हममें से अधिकतर लोग फौरन चाय या कॉफी का कप उठा लेते हैं, जिससे कि थोड़ा सा अच्छा महसूस हो। लेकिन क्या आपने सोचा है कि ऐसा क्यों होता है।
बता दें कि इसके पीछे एक साइंटफिक वजह है। हाल ही में हुई एक रिसर्च में बताया गया है कि गरम ड्रिंक्स हमारी फीलिंग्स और मूड को शांत करने में सहायता करता है। इस रिसर्च के अनुसार, इसमें सबसे ज्यादा अहम उसका टेंपरेचर होता है न कि उसमें मौजूद तत्व। यानी की ठंडे खाने या ड्रिंक्स की बजाय गर्म चीजें हमारी नींद, भावनाओं और डाइजेशन पर अच्छा और बेहतर असर डालती है।
स्टडी में क्या पाया गया
एक स्टडी में लोगों ने अधिक ठंडा खाना या ड्रिंक लिया था, उनमें चिंता और नींद की समस्या अधिक देखी गई है। वहीं जब ठंड के मौसम में गरम ड्रिंक्स का सेवन किया, तो उनमें नींद , डिप्रेशन और पेट दर्द जैसी समस्याएं कम हुईं।
वहीं इस रिसर्च में यह भी पाया गया कि जिन लोगों का बल्ड सर्कुलेशन कमजोर होती है। उनको ठंडा खाना अधिक परेशान करता है। इसकी पहचान यह है कि उनके हाथ-पैर अक्सर ठंडे रहते हैं।
मजबूत होगा डाइजेस्टिव सिस्टम
बता दें कि यह नतीजे आयुर्वेद और पुरानी चीनी चिकित्सा की बातों से भी मिलते हैं। यह दोनों ही तरीके बताते हैं कि गरम खाना खाने से हमारा डाइजेस्टिव सिस्टम मजबूत होता है और मन भी शांत होता है।
हमारे शरीर में आंत और दिमाग का सीधा संबंध होता है। जिसको 'गट ब्रेन एक्सिस' कहा जाता है। जब आप ठंडा खाना खाते हैं, तो शरीर को उसको पचाने में अधिक एनर्जी की जरूरत होती है। इससे डाइजेशन धीमा हो जाता है और दिमाग पर भी असर पड़ता है। इसके अलावा, खाने वाली ठंडी चीजें अक्सर प्रोसेस्ड और कम पोषक तत्वों वाली होती है, जोकि शरीर को सही तरीके से पोषण नहीं दे पाती हैं।
क्या करना चाहिए
प्रयास करें कि खाना हमेशा हल्का गरम करके ही खाएं।
ठंडे मौसम या तनाव स्थिति में हर्बल टी, सूप या फिर गरम पानी पिएं।
कोल्ड ड्रिंक्स पीने के फौरन बाद गरम चीज नहीं पीनी चाहिए, बल्कि कुछ देर रुकना चाहिए।
आपके द्वारा की गई थोड़ी सी सावधानी से न सिर्फ आप अपना डाइजेशन सुधार सकती हैं, बल्कि तनाव और बेचैनी से भी राहत पा सकती हैं।
डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।