ब्रेन में ब्लड क्लॉट से हो सकता है जान को खतरा, नज़रअंदाज़ ना करें इसके ये लक्षण


ब्रेन में ब्लड क्लॉट से हो सकता है जान को खतरा, नज़रअंदाज़ ना करें इसके ये लक्षण

हमारी सुस्त जीवनशैली और गलत खान-पान की आदतों की वजह से हम अक्सर कई बीमारियों को निमंत्रण दे देते हैं. आजकल की भाग-दौड़ और तनाव भरी जीवनशैली की कारण कई गंभीर बीमारियाँ आम हो गई हैं. आज के समय में हर दूसरा व्यक्ति हाई बीपी, कोलेस्ट्रॉल, डायबीटीज और मोटापे जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहा है. नसों में ब्लड क्लॉट या खून का थक्का जम जाना ऐसी ही एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जिसके कारण हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक जैसी जानलेवा स्थिति पैदा हो सकती है. आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि ब्रेन में ब्लड क्लॉट कैसे बनता है और इसके लक्षण क्या हैं. इसके साथ ही हम आपको कुछ ऐसी टिप्स भी देंगे जिनसे आप ब्रेन में ब्लड क्लॉट बनने से  रोक सकते हैं.  


ब्लड क्लॉट क्या होता है 

हमारे शरीर में हृदय से शरीर के अन्य हिस्सों तक खून पहुँचाने का काम रक्त धमनियाँ करती हैं। कई बार शरीर में खून पहुँचाने वाली नसों में फैट जम जाता है जिसे एथेरोस्कलोरिस भी कहते हैं। कई बार फैट जमने के कारण नसों में खून का थक्का या ब्लड क्लॉट बन जाता है। ब्लड क्लॉट शरीर के किसी भी हिस्से में बन सकता है। मस्तिष्क में ब्लड क्लॉट बनने से मस्तिष्क में ब्लड सर्कुलेशन ठीक से नहीं हो पता है जिसके कारण मस्तिष्क की कोशिकाएं मरने लगती हैं। यही क्लॉट आगे जाकर ब्रेन स्ट्रोक का कारण बनता है। कई बार मस्तिष्क में खून का थक्का जमने के कारण मस्तिष्क में खून पहुंचाने वाली नसें फट जाती हैं, जिसे ब्रेन हैमरेज कहते हैं।


ब्रेन में ब्लड क्लॉट के कारण 

ब्रेन में ब्लड क्लॉट कई कारणों की वजह से हो सकता है, जैसे - 

अत्यधिक वजन या खान-पान की गलत आदतों के कारण नसों में फैट जमने से ब्रेन क्लॉट हो सकता है। 

टाइप-2 डाइबिटीज के मरीजों में भी ब्रेन क्लॉट बनने का खतरा काफी बढ़ जाता है। 

हाई ब्लड प्रेशर और हाइपरटेंशन के मरीजों में भी ब्रेन क्लॉट की समस्या हो सकती है। 

अत्यधिक तनाव में रहने से भी ब्रेन में क्लॉटिंग की समस्या हो सकती है।

धूम्रपान और शराब का सेवन करने वाले भी इस बीमारी की चपेट में जल्दी आ जाते हैं। 

हाई कोलेस्ट्रॉल और सुस्त जीवनशैली भी ब्रेन में क्लॉट का कारण बन सकती है।


ब्रेन में ब्लड क्लॉट के लक्षण 

बोलने या समझने में परेशानी होना 

चेहरे, हाथ-पैर या शरीर के किसी एक हिस्से का अचानक से सुन्न हो जाना या कमजोरी आना

एक या दोनों आंखों से देखने में  परेशानी या सब कुछ धुंधला दिखना

कुछ भी समझने या बोलने में मुश्किल होना

चलने में दिक्कत आना, चक्कर आना या संतुलन में कमी महसूस होना 

अचानक गंभीर सिरदर्द होना व उल्टी आना  

चेहरे का एक ओर झुक जाना या सुन्न हो जाना

हाथों का सुन्न हो जाना या नीचे की ओर लटक जाना


ब्रेन में क्लॉट बनने से कैसे रोकें 

 ब्रेन क्लॉट से बचाव के लिए अपने खान-पान का ध्यान  रखें और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं। संतुलित और पौष्टिक आहार लें। अपने आहार में वसा (फैट) और नमक की मात्रा कम करें। इसके साथ ही अपने भोजन में साबुत अनाज, फल और सब्जियों की मात्रा बढ़ाएं। अपने खाने में ओमेगा फैटी एसिड युक्त पदार्थ जैसे मछली, अखरोट और सोयाबीन आदि शामिल करें। 

ब्रेन में क्लॉटिंग की समस्या से बचने के लिए अपने ब्लड प्रेशर और शुगर लेवल को कंट्रोल में रखें। 

वजन को बढ़ने ना दें और नियमित रूप से व्यायाम करें। 

धूम्रपान व शराब का सेवन ना करें। 

अत्यधिक तनाव लेने से बचें

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।


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