सतर्क रहें ! बेमौसम बरसात से हो सकती है ये 5 बीमारियां, बारिश में भीगने से बचें
- Healthy Nuskhe
- Jun 11, 2020
इस वर्ष मानसून जल्दी आ जाने के कारण कई जगह बरसात शुरुआत हो गई है। बरसात का मौसम अमूमन बेहद ही खास और रोमांचक होता है। बारिश के मौसम में पर्यावरण हरियाली, पशुओं की चहलकदमी और पकवानों का सेवन किया जाता है। बरसात का मौसम खुशियों से भरा खेती के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण होता है।
बारिश के आगमन पर गांव में बड़े पैमाने पर खेती की शुरुआत की जाती है। बारिश की बूंदे रोमांच के साथ-साथ बीमारियों को भी घर ले आती हैं। इसलिए इस मौसम में आनंद के साथ-साथ सावधानियां भी बहुत आवश्यक है। बरसात का मौसम सबको पसंद होता हैं। गर्मी और उमस में बारिश की बूंदे दिल को ख़ुशी और उल्लास से भर देती हैं। लेकिन अगर बरसात बिना मौसम के हो तो यह हमें बीमार, संक्रमण की चपेट में ला सकता है और चिड़चिड़ा भी बना देता है। ऐसे में कुछ सावधानियां बरतकर आप बरसात में होने वाली इन बीमारियों से छुटकारा पा सकते हैं। आइए जानते हैं इन बीमारियां को और क्या हैं इनसे बचने के उपाय।
इनफ्लुएंजा
इसे हिंदी में सर्दी-जुखाम के नाम से जाना जाता है। इस मौसम में कुछ संक्रामक वायरस श्वासनली के हिस्से को संक्रमित करके नाक और गले को प्रभावित करते हैं। इसी वजह से व्यक्ति में बंद नाक, बदन दर्द, गले में खिचखिच, खांसी और बुखार जैसें लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
उपचार
इनफ्लुएंजा बरसात के समय होने वाली आम बीमारी है। इसके उपचार के लिए डॉक्टर की सलाह के बगैर दवाई बिल्कुल ना लें। ये रोग संक्रमण से फैलता है तो संक्रमित व्यक्ति से भी दूर रहें। इसके अलावा जुकाम में पर्याप्त मात्रा में गर्म तरल पदार्थ के साथ पोषक और संतुलित आहार लें। इससे शरीर का इम्यून सिस्टम मज़बूत होता है और रोग से बचने में सहायता मिलती है। विटामिन-सी से भरपूर फल और हरी सब्जियां का सेवन करें।
फूड पॉइजनिंग
फूड पॉइजनिंग का खतरा बरसात के मौसम बना रहता है। फूडपॉइजनिंग होने पर रोगी के शरीर में कमजोरी अनुभव होंने लगता है। इसमें पेट में ऐंठन, उल्टी और दस्त की शिकायतें होने लगती हैं।
उपचार
इस बीमारी में शरीर के अंदर पानी की कमी हो जाती हैं। तो पानी का अधिक सेवन करना चाहिए। याद रखिए कच्चा भोजन लेने से बचें जैसे सलाद न खाएं, क्योंकि कई बार सलाद को अच्छी तरह साफ नहीं किया गया होता हैं या वो सही तापमान पर नहीं रखे होते हैं।
डायरिया
डायरिया जीवाणुओं के संक्रमण के कारण होता हैं। बरसात में यह रोग भी बहुत परेशान करता है। इसमें पेट में मरोड़ उठने लगते हैं और साथ ही दस्त भी होता है। यह बरसात में दूषित पानी और भोजन को सेवन करने से होता है।
उपचार
इसके उपचार के लिए आपको खाने-पीने की चीजों को ढंक कर रखना चाहिए। पानी को उबालकर या छानकर पीना चाहिए। कुछ भी खाने से पहले हाथ और मुंह को धोना चाहिए।
मलेरिया
मलेरिया बरसात में होने वाली गंभीर संक्रामक बीमारी है, जो बरसात के पानी के इकट्ठा होने से पैदा होने वाले मच्छरों के काटने से होती है। यह बीमारी फीमेल (मादा) ऐनाफिलिज मच्छर के काटने से फैलता है।
उपचार
मलेरिया से बचाव के लिए अपने आसपास पानी इकट्ठा ना होने दें। डॉक्टर की सलाह नियमित दवाई लें और पौष्टिक आहार का सेवन करें।
डेंगू
डेंगू बुखार मच्छरों के काटने से ही फैलता हैं।मगर इस बात का ध्यान रखें कि डेंगू फैलाने वाले मच्छर साफ पानी में पनपते हैं । एडिज मच्छर के काटने से फैलने वाले इस रोग का प्रभाव मरीज के पूरे शरीर और जोड़ों में तेज दर्द के रूप में होता है।
उपचार
डेंगू से बचने के लिए मच्छरों से बचना जरूरी हैं और घर से निकलने से पहले शरीर को पूरी तरह ढंककर रखना चाहिए ।
बरसात में बीमारियों से छुटकारा पाने के कुछ और उपाय
हैंड सैनिटाइजर का नियमित रूप से प्रयोग करें और अगर आपके पास हैंड सैनिटाइजर उपल्ब्ध नहीं हो तो साबुन से अपना हाथ जरूर धूलें।
अपनें घर में सबका अलग-अलग हैंडटॉवेल रखें। इससे बीमारी फैलाने वाले बैक्टीरिया आपको नुकसान नहीं पहुंचाएंगे ।
डायरिया जैसे बीमारियों से बचने के लिए साफ और स्वच्छ पानी का इस्तेमाल करें और उबले हुए पानी का ही प्रयोग करें।
अपने आसपास पानी इकट्ठा ना होने दें, क्योंकि पानी के इकट्ठा होने से मलेरिया होने का खतरा हो सकता है।
डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।