इन उपायों के करने से आप बच सकते हैं बवासीर की बीमारी से

  • Healthy Nuskhe
  • Dec 20, 2019

इन उपायों के करने से आप बच सकते हैं बवासीर की बीमारी से

पाइल्स या बवासीर एक बहुत ही खतरनाक बीमारी है। ये बीमारी 2 प्रकार की होती है, जो खूनी और बादी के नाम से जाना जाता है। पाइल्स या बवासीर में रोगी का बैठना मुश्किल हो जाता जिसकी वजह से उसे बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बवासीर होने का सबसे बड़ा कारण कब्ज भी होता है। कब्ज की दिक्कत को ढील देने से बवासीर होने के पूरे कारण बन जाते हैं।

इस बीमारी में गुदा (ऐनस) के अंदरूनी और बाहरी क्षेत्र और मलाशय (रेक्टम) के निचले हिस्से की शिराओं(veins)में सूजन आने लगती है। इसकी वजह से ऐनस के अंदर और बाहर की जगहों में मस्से होने लगते हैं, जो अंदर और बाहर दोनों तरफ फैलने लगते हैं। जानिए बवासीर से जुडी कुछ और बातें।


बवासीर के कारण-


- ये बीमारी बहुत से लोगों को पीढ़ी यानी वंशानुगत होने की वजह से भी होती है।

 

- नीचे की नसों में ज्यादा जोर देने की वजह से अक्सर बवासीर की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ज़ोर देने से नसों में खिचाव आता है और सूजन की वजह से बवासीर हो जाता है।

 

-बवासीर होने का एक कारण मोटापा भी है। मोटापे के कारण पेट के अंदर दवाब बढ़ने लगता है, जिससे बवासीर होने के चांस होते है।

 

-कब्ज भी बवासीर को जन्म देती है, कब्ज की दिक्कत बढ़ जाने से अक्सर बवासीर होने का डर बना रहता है। कब्ज के दौरान भी जोर लगाने से बवासीर हो जाता हैं।

 

-कई बार प्रेग्नेंसी के दौरान भी बवासीर की समस्या हो सकती है। नॉर्मल डिलिवरी के बाद भी पाइल्स की समस्या हो सकती है।

 

बवासीर के लक्षण-


-मल त्याग करते वक्त तेज चमकदार रक्त का आना।

 

-एनस के आसपास खुजली का होना।

 

-मल त्याग करने के बाद भी ऐसा लगते रहना जैसे पेट साफ न हुआ हो।

 

-पाइल्स के मस्सों में सिर्फ खून आना, दर्द नहीं होना।

 

बवासीर से बचाव-  


-बवासीर से बचने के लिए सबसे पहले आपको खान-पान में ज्यादा ध्यान देना होगा।

 

-खान-पान अच्छा होने के कारण मल आने में दिक्कत नहीं होगी

 

-दिन में रोज 25 से 30 ग्राम फाइबर युक्त पदार्थ खाएं। फाइबर खाने से पेट कभी सूखेगा नहीं, जिसकी वजह से कब्ज और बवासीर नहीं होगी।

 

-टॉयलेट सीट में ज्यादा देर तक कभी न बैठे, ज्यादा देर तक टॉयलेट सीट में बैठने से आस-पास की खून की शिराओं में ज़ोर पड़ता हैं। टॉयलेट में कम ही समय बिताए।  जरूरत पड़ने पर ही टॉयलेट जाएं जबरदस्ती का ज़ोर न लगाए।

 

-दिन में ज्यादा से ज्यादा पानी पिए ताकि पेट न सूखे, पेट सूखने की वजह से मल आने में दिक्कत होती हैं। वर्ना पेट सूखने की वजह से बवासीर होंने कारण बन जाते हैं।

 

-ज्यादा समय के लिए बैठे नहीं, 2 से 3 घंटे के बीच में ब्रेक जरूर लें। बैठे रहने से नीचे काफी ज़ोर पड़ता है। लिफ्ट को छोड़कर हमेशा सीढ़ियों की मदद लें। अपने रूटीन में रोज सुबह-शाम चलना ऐड करें।

 

-पाइल्स और बवासीर जैसी बीमारी से छुटकारा पाने का सब लोग जतन करते हैं। पाइल्स की दिक्कत से बचने के लिए कुछ सावधानियाँ बरतनी चाहिए। पाइल्स में मिर्ची के सेवन से बचें। अगर आपको भी ऐसे लक्षण महसूस हो तो जल्द से जल्द डॉक्टर के पास जरूर जाएं। 

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।


Tags
causes symptoms treatment of piles,bawasir ke lakshan,badi bawaseer ke lakshan kya hai,bawaseer kya hai,bawaseer ka ilaj hindi mai,piles treatment

Related Posts