फ्लू के संक्रमण से बच्चों को बचाती है 4 इन 1 फ्लू वैक्सीन
- सूर्या मिश्रा
- Dec 10, 2022
फ्लू मौसमी बीमारी है खासकर बदलते मौसम में इसका प्रकोप बढ़ जाता है। फ्लू संक्रामक बीमारी है 2009 में स्वाइन फ्लू इसका बदला स्वरूप था यह पहली बार इंसानो में पहचाना गया था। स्वाइन फ्लू आसानी से फैलता है। यह किसी के खांसने या छींकने से आसानी से एक दूसरे में फैलता है। खासकर बच्चें इसके शिकार जल्दी हो जाते है। जिन बच्चों की उम्र पांच साल से कम है उनको इससे बचाना जरूरी होता है क्योकि उनको स्वाइन फ्लू का खतरा सबसे ज्यादा होता है। यदि आप अपने पांच साल से छोटे बच्चे को स्वाइन फ्लू के खतरे से बचाना चाहते है तो 4 इन 1 फ्लू वैक्सीन लगवा सकते हैं। इस वैक्सीन से आपका बच्चा स्वाइन फ्लू समेत निमोनिया, वायरल इन्फेक्शन्स और ब्रोंकाइटिस से बचा रहेग। यह वैक्सीन 6 महीने से 5 साल तक के बच्चों को लगाया जा सकता है।
क्या है इस बीमारी के लक्षण
फ्लू का लक्षण सर्दी खांसी, बुखार, गले में खराश, सिर दर्द, बदन दर्द, दस्त होते हैं। अगर आपको या आपके बच्चे में भी यह सब लक्षण है तो आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करिये।
किन लोगों को है खतरा स्वाइन फ्लू से
डाइबिटिक व्यक्तियों को स्वाइन फ्लू का खतरा ज्यादा होता है इसलिए ऐसे लोगो को फ्लू से पीड़ित लोगो से दूरी बनाकर रखनी चाहिए।
बुजुर्ग लोग जिनकी उम्र 70 साल से ज्यादा है।
गर्भवती महिलाओं को भी फ्लू का खतरा ज्यादा होता है।
पांच साल तक के बच्चो के लिए भी फ्लू खतरनाक होता है।
दमा के मरीज भी फ्लू से जल्दी संक्रमित हो जाते हैं।
स्वाइन फ्लू की रोकथाम
फ्लू तेजी से फ़ैलाने वाली बीमारी हैं लेकिन टीकाकरण के माध्यम से इसकी रोकथाम की जा सकती है। मार्केट में उपलब्ध वैक्सीन आपको फ्लू के अलग-अलग वेरियंट से बचा सकते है। पांच वर्ष तक के बच्चों का नियमित वैक्सीनेशन कराएं। यह वैक्सीन बच्चों को साल में एक बार लगवानी चाहिए। वयस्कों को चार वर्ष पर टीकाकरण कराना चाहिए।
सावधानियां
- भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क का प्रयोग करें।
- फ्लू से संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आने से बचें।
- बार-बार हाथ धोएं।
- अस्थमा के रोगी बाहर जाने पर मास्क का प्रयोग अवश्य करें क्योकि उनको संक्रमण जल्दी हो सकता हैं।
डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।