हमारे स्वास्थ्य के लिए विटामिन बी 12 की कमी काफी ज्यादा खतरनाक साबित हो सकती है। शरीर में विटामिन बी 12 की कमी की वजह से कमजोरी, थकान, एनीमिया, याददाश्त कमजोर होना, नर्व डैमेज और अन्य कई गंभीर सेहत संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए जरूरी है कि आप विटामिन बी12 की कमी के कारणों को समझें और इसकी कमी से बचाव के लिए मदद ले सकें। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि किन कारणों से विटामिन बी 12 की कमी होने लगती है और इसकी कमी से बचने के लिए क्या बचाव के उपाय करने चाहिए।
विटामिन-बी12 की कमी की वजह
डाइट में विटामिन बी न होना
यह कमी उन लोगों में अधिक देखी जाती है, जोकि वेजिटेरियन या वीगन डाइट लेते हैं। विटामिन-बी12 नेचुरल सोर्स एनिमल बेस्ड प्रोडक्ट्स हैं, जैसे- मछली, मांस, डेयरी प्रोडक्ट्स, अंडे और दूध में पाया जाता है। ऐसे में जो लोग यह चीजें नहीं खाते हैं, तो उनके शरीर में विटामिन बी 12 का लेवल कम होने का जोखिम अधिक रहता है।
विटामिन-बी12 का अब्जॉर्ब न होना
यह एक बड़ा और सामान्य कारण है। अगर कोई व्यक्ति विटामिन-बी12 से भरपूर डाइट ले रहा है, लेकिन अगर आपका शरीर इसको अब्जॉर्ब नहीं कर पा रहा है, तो शरीर में इसकी कमी होना तय है। इसके पीछे सीलिएक डिजीज, पर्निशियस एनीमिया, क्रॉन डिजीज, या आंतों की कोई अन्य बीमारी हो सकती है, जोकि अब्जॉर्प्शन की प्रक्रिया में बाधा डाल सकती है। वहीं एक समस्या पेट में हाइड्रोक्लोरिक एसिड कम बनना भी हो सकती है। इसकी वजह से भी शरीर में विटामिन बी12 की कमी होने लगती है।
शराब का सेवन
शराब पीने से पेट और आंतों की परत को नुकसान पहुंचता है, ऐसे में यह अब्जॉर्प्शन में बाधा डाल सकता है।
जेनेटिक कंडीशन
इसके अलावा कुछ जेनेटिक कंडीशन की वजह से भी शरीर में विटामिन बी12 का सही इस्तेमाल नहीं कर पाता है।
जानिए विटामिन-बी12 की कमी से बचाव के उपाय
हेल्दी और सही डाइट
आपको अपनी डाइट में विटामिन बी 12 से भरपूर चीजों को शामिल करना चाहिए।
मांसाहारी सोर्स
मछली खासकर टूना और सालमन, चिकन, रेड मीट, अंडा, दूध और दही जैसे डेयरी प्रोडक्ट्स को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए।
शाकाहारी सोर्स
हालांकि शाकाहारी लोगों के लिए यह थोड़ा सा मुश्किल हो सकता है। लेकिन फिर भी यह लोग दही, दूध, पनीर और अंडे का सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा आप अपनी डाइट में विटामिन-बी12 से फोर्टिफाइड फूड आइटम्स जैसे प्लांट-बेस्ड मिल्क, सीरियल्स और न्यूट्रिशनल यीस को शामिल करना चाहिए।
सप्लीमेंट्स
वीगन्स, शाकाहारियों, बुजुर्गों या अब्जॉर्प्शन की समस्या वाले लोग डॉक्टर की सलाह पर विटामिन-बी12 के सप्लीमेंट्स ले सकते हैं। लेकिन डॉक्टर की सलाह के बिना सप्लीमेंट्स नहीं लेना चाहिए।
नियमित जांच जरूर करवाएं
अगर आपको कमजोरी, थकान, जीभ में सूजन, चक्कर आना या झनझनाहट जैसे लक्षण दिखाई दें। तो आपको अपने विटामिन बी12 लेवल चेक करवाना चाहिए। इससे कमी का पता शुरूआत में ही चल जाएगा और आप समय रहते इलाज हो सकता है।