केक, पेस्ट्री देखकर आता है मुँह में पानी? ट्राई करें यह 5 हेल्दी डेजर्ट ऑप्शंस
- Healthy Nuskhe
- Jul 23, 2021
केक, पेस्ट्री और आइसक्रीम का नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है। लेकिन मीठे में कैलोरी की अधिक मात्रा होती है जिससे मोटापा बढ़ता है। इस वजह से कई बार मीठा खाने के शौक़ीन लोगों को अपना मन मारना पड़ता है। अगर आपको भी मीठा खाना पसंद है तो आप बिना किसी चिंता के मीठा खा सकते हैं। अब आप सोचेंगे कैसे? आज के इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे हेल्दी डेसर्ट बताने जा रहे हैं जिससे आप अपनी शुगर क्रेविंग को कम कर सकते हैं -
डार्क चॉकलेट
अगर आपको चॉकलेट खाना पसंद है तो आप डार्क चॉकलेट का सेवन कर सकते हैं। डार्क चॉकलेट में शुगर की मात्रा बहुत कम होती है और इससे आप अपनी शुगर क्रेविंग को भी कम कर सकते हैं। 15 ग्राम डार्क चॉकलेट में केवल 2 ग्राम शुगर मौजूद होती है। इसके साथ ही डार्क चॉकलेट में मौजूद फ्लेवोनॉइड दिल को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
ग्रीक योगर्ट
अगर आपको मीठा खाने की क्रेविंग हो रही हो तो ग्रीक योगर्ट खा सकते हैं। इसका स्वाद आइसक्रीम तरह होता है इसलिए आप इसे डेजर्ट के तौर पर खा सकते हैं। ग्रीक योगर्ट में कैल्शियम की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है और इससे आपको पेट लंबे समय तक भरा हुआ महसूस होगा।
खजूर
खजूर में भी भरपूर मात्रा में नेचुरल शुगर मौजूद होती है। इसके साथ ही खजूर में फाइबर, विटामिन, पोटैशियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद हैं। खजूर का इस्तेमाल स्वीटनर के तौर पर भी किया जाता है। अगर आपका मीठा खाने का मन कर रहा हो तो आप खजूर खा सकते हैं।
एप्पल और नट बटर
अगर आप मीठे में कुछ हेल्दी और टेस्टी खाना चाहते हैं तो एप्पल और नट बटर खा सकते हैं। इससे आपको स्वाद के साथ-साथ सेहत भी मिलेगी। बस एप्पल के एक स्लाइस पर एक चम्मच पीनट बटर या कोई भी नट बटर लगाकर खाएं। आप चाहें तो इस पर थोड़ा सा दालचीनी का पाउडर भी छिड़क सकते हैं।
फ्रूट्स
फलों में प्राकृतिक शुगर मौजूद होती है जिसे शुगर क्रेविंग को कम करने में मदद मिलती है। इसके साथ ही फलों में भरपूर मात्रा में मिनरल और विटामिन होते हैं जिससे शरीर को पोषण मिलता है। अगर आपको मीठा खाने का मन हो तो आप मौसमी फलों का सेवन कर सकते हैं।
डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।