ब्लड शुगर को आसानी से नियंत्रित करना है तो करें प्याज का सेवन
- मिताली जैन
- Oct 14, 2019
प्याज एक ऐसी सब्जी है, जिसे लोग कई तरह से खाना पसंद करते हैं। कभी सब्जी मे तड़के के रूप में तो कभी कच्चा ही सलाद के रूप में। यूं तो यह आपके खाने के टेस्ट को कई गुना बढ़ा देता है, लेकिन इसके हेल्थ बेनिफिट भी कम नहीं है। खासतौर से, मधुमेह ग्रस्त व्यक्ति को तो प्याज का सेवन जरूर करना चाहिए। मधुमेह एक ऐसी समस्या है, जिससे आज के समय में अधिकतर भारतीय पीडि़त है। यूं तो लोग अपनी समस्या के समाधान के लिए दवाइयों का सेवन करते हैं, लेकिन इसके अतिरिक्त आपको अपने आहार पर भी ध्यान देना चाहिए। आपको शायद पता न हो लेकिन अगर आप प्याज का सेवन करते हैं तो इससे आप ब्लड शुगर को आसानी से नियंत्रित रख सकते हैं। तो चलिए आज हम आपको डायबिटीक पेशेंट के प्याज के सेवन से होने वाले कुछ बेहतरीन फायदों के बारे में बता रहे हैं−
फाइबर की अधिकता
प्याज खासतौर से रेड प्याज में फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। फाइबर को टूटने और पचने में समय लगता है, जिसके कारण रक्तप्रवाह में शुगर कम मात्रा में रिलीज़ होती है। इतना ही नहीं, फाइबर आपको कब्ज की समस्या से भी राहत दिलाता है। मधुमेह के रोगियों में कब्ज की समस्या बेहद आम होती है। इस तरह आपको प्याज का सेवन तो जरूर करना चाहिए।
लो कार्ब्स
मधुमेह रोगियों के लिए प्याज के सेवन का एक दूसरा लाभ यह है कि इसमें कार्ब्स काफी कम मात्रा में होते हैं। दरअसल, मधुमेह रोगियों के लिए अधिक कार्ब्स वाले फूड का सेवन बिल्कुल भी अच्छा नहीं माना जाता। कार्ब्स बहुत जल्दी मेटाबोलाइज हो जाते हैं, जिसके कारण वह ब्लड में शुगर को तेजी से रिलीज करते हैं। ऐसे में अगर आप अधिक कार्ब्स लेते हैं तो इससे उनके ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है। इसलिए यह सलाह दी जाती है कि मधुमेह रोगी हमेशा लो कार्ब्स वाले आहार का सेवन करें।
ऐसे करें शामिल
प्याज मधुमेह रोगियों के लिए कई मायनों में लाभकारी है। आप कच्चा प्याज सलाद के रूप में खाने के साथ−साथ सब्जी में तड़के, सूप या सैंडविच में भी इसे आसानी से खा सकते हैं। जर्नल एनवार्यनमेंटल हेल्थ इनसाइट्स में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, ताजा प्याज का सेवन करने से टाइप−1 और टाइप−2 डायबिटीज के रोगियों के रक्त शर्करा के स्तर में कमी आती है।
मिताली जैन
डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।