मूली के पत्ते है बेहद लाभकारी, भूल से भी नहीं फेंके इन्हें

मूली का सेवन तो हर कोई बेहद खुश होकर करता है। लेकिन आप इसके पत्तों का क्या करते हैं। शायद कुछ भी नहीं। बहुत से लोग तो सब्जीवाले से मूली के पत्ते लेते ही नहीं और जो लोग लेते हैं, वह भी उसे तोड़कर बाहर फेंक देते हैं। अगर आप भी ऐसा ही करते हैं तो हम आपको बता दें कि मूली की तरह ही उसके पत्ते भी पोषक तत्वों से पैक होते हैं। तो चलिए आज हम आपको मूली के पत्तों से सेहत को होने वाले कुछ जबरदस्त फायदों के बारे में बता रहे हैं−
कई पोषक तत्व
मूली के पत्तों में कई तरह के आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते हैं। अगर आप इसका सेवन करते हैं तो आपको आयरन, कैल्शियम, फोलिक एसिड, विटामिन सी और फॉस्फोरस आदि प्राप्त होता है। यह पोषक तत्व कई तरह के शारीरिक कार्यों में सहायक होते हैं।
उच्च डायटरी फाइबर
मूली के पत्तों का एक सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसमें मूली से भी अधिक डायटरी फाइबर पाए जाते हैं। इन डायटरी फाइबर के कारण व्यक्ति का पाचन तंत्र बेहतर तरीके से काम करता है। यह मूली के पत्ते कब्ज व पेट फूलने जैसी समस्याओं से निजात दिलाते हैं।
कम करे थकान
चूंकि मूली के पत्तों में आयरन और फास्फोरस की मात्रा काफी होती है, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। इतना ही नहीं, इसमें विटामिन सी, विटामिन ए और थायमिन जैसे पोषक तत्व थकान को दूर करने में मददगार होते हैं।
बवासीर का इलाज
आपको शायद पता न हो लेकिन बवासीर जैसी कष्टकारी शारीरिक समस्या को दूर करने में भी मूली के पत्ते लाभदायक है। इसमें एंटी−बैक्टीरियल प्रॉपर्टीज होती है, जो सूजन व दर्द को कम करती है। इसके इस्तेमाल के लिए मूली के पत्तों को सुखाएं और उसमें बराबर मात्रा में चीनी मिलाएं। साथ ही कुछ बूंदे पानी की मिलाकर एक पेस्ट बनाएं। आप चाहें तो इस पेस्ट का सेवन करें या फिर इसे प्रभावित स्थान पर लगाएं।
पीलिया से राहत
मूली के पत्तों का सेवन कई बीमारियों का इलाज करने में सहायक है। बवासीर की तरह ही पीलिया के इलाज में भी मूली के पत्ते लाभदायक है। इसके इलाज के लिए पत्तियों को क्रश करें और फिर एक पतले कपड़े की मदद से इसका अर्क निकालें। इस रस का आधा लीटर रोजाना दस दिनों तक सेवन करने से पीलिया ठीक हो जाता है।
नियंत्रित करे मधुमेह
मूली के पत्तों में ऐसे कई गुण होते हैं, जो रक्त में शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करते हैं। इसके लिए आप मूली के पत्तों का साग बनाएं और उसका सेवन करें।
डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।