वजन कम करने के लिए करें नेगेटिव कैलोरी फूड का इस्तेमाल

यह तो हम सभी जानते हैं कि आपके वजन और आहार का सीधा संबंध होता है। कुछ आहार ऐसे होते हैं, जिसे खाने से वजन कम होने लगता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि वास्तव में ऐसा क्यों होता है। दरअसल, यह नेगेटिव कैलोरी फूड की श्रेणी में आते हैं और इसलिए अगर इन्हें डाइट का हिस्सा बनाया जाए तो बेहद जल्द वजन कम होने लगता है। इतना ही नहीं, इस तरह के भोजन को आप चाहे जितना खाएं, वजन नहीं बढ़ता। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में−
यह है नेगेटिव कैलोरी फूड
नेगेटिव कैलोरी फूड की खासियत यह होती है कि इन्हें खाने के बाद पचाने में ही काफी मात्रा में कैलोरी बर्न हो जाती है। इन आहार में भी कैलोरीज होती हैं, लेकिन बेहद सीमित मात्रा में। इतना ही नहीं, जब आप इन्हें खाते हैं तो आपका शरीर और ज्यादा कैलोरी बर्न करने लगता है। जिस आहार में हाई फाइबर या लॉ ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, वह नेगेटिव कैलोरी फूड की श्रेणी में आता है। इस तरह के आहार से पेट देर तक भरे होने का अहसास होता है। साथ ही फाइबर की उच्च मात्रा के कारण खाना ब्लड शुगर को धीरे−धीरे रिलीज करता है जो मोटा होने या फैट जमने की प्रक्रिया को कम करता है।
टमाटर
टमाटर एक नेगेटिव कैलोरी फूड है। 100 ग्राम टमाटर से आपको मात्र 19 कैलोरी प्राप्त होती है। इसमें फाइबर के साथ−साथ अन्य कई पोषक तत्व जैसे लाइकोपीन, पोटेशियम व विटामिन सी आदि भी पाया जाता है। यह इम्युन सिस्टम को भी बेहतर बनाने में मददगार है।
खीरा
गर्मी के मौसम में खीरा शरीर को ठंडक प्रदान करने के साथ वजन कम करने में भी सहायक है। इसमें फाइबर तो पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है ही, साथ ही इसमें पानी भी अच्छी मात्रा में होता है। इसलिए इसके सेवन से वजन कम तो होता है ही, साथ ही शरीर निर्जलीकृत नहीं होता। वैसे खीरे में कई तरह के विटामिन और एलेक्ट्रोलाइट्स भी पाए जाते हैं।
गाजर
गाजर एक नेगेटिव कैलोरी फूड है, इसलिए इसे किसी न किसी रूप में डाइट में शामिल करने की कोशिश करें। 100 ग्राम गाजर से आपको लगभग 41 कैलोरी प्राप्त होती हैं। यह एक ओर वजन कम करती है तो दूसरी ओर हाइपरटेंशन के रोगियों के लिए भी लाभदायक होती है। गाजर के सेवन से आपको कई तरह के विटामिन्स और मिनरल्स पाए जाते हैं।
मिताली जैन
डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।