फैटी लिवर होता है कई गंभीर समस्याओं का कारण, इन चीजों को खाने से करें परहेज
- prabhasakshi
- Feb 09, 2022
शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में लिवर अहम भूमिका निभाता है। बात चाहे शरीर के लिए प्रोटीन का निर्माण की हो या फिर पाचन के लिए पित्त का उत्पादन करना, यह सभी काम लिवर ही करता है। इसके अलावा लिवर पोषक तत्वों को ऊर्जा में बदलने के साथ इम्यून सिस्टम को बनाने और बैक्टीरिया व विषाक्त पदार्थों को खून से निकालकर संक्रमण से लड़ने में भी मदद करता है। शरीर का इतना जरूरी अंग होने के बावजूद थोड़ी सी लापरवाही आपको फैटी लिवर का शिकार बना सकती है। लिवर को शरीर का पावरहाउस कहा जाता है। लिवर, शरीर के अवांछित पदार्थों को फिल्टर करने के साथ आवश्यक पोषक तत्वों को आपके शरीर तक पहुंचने में मदद करता है। लेकिन अगर लिवर में फैट की मात्रा बढ़ने लगे तो इससे गंभीर नुकसान हो सकते हैं। फैटी लिवर ऐसी ही एक समस्या है। लीवर हमारे शरीर का एक प्रमुख अंग है। लीवर शरीर को संक्रमण से लड़ने, रक्त शर्करा या ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने, शरीर से विषैले पदार्थो को निकालने, फैट को कम करने तथा प्रोटीन बनाने में अहम भूमिका अदा करता है। अत्यधिक मात्रा में खाने, शराब पीने एवं अनुचित मात्रा में फैट युक्त भोजन करने से फैटी लीवर जैसे रोग होने की संभावना रहती है।
क्या होता है फैटी लिवर ?
आइये सबसे पहले समझते हैं कि फैटी लीवर क्या है ? लीवर की कोशिकाओं में अधिक मात्रा में फैट जमा हो जाता है। लीवर में वसा की कुछ मात्रा का होना तो सामान्य बात है लेकिन फैटी लीवर बीमारी व्यक्ति को तब होती है, जब वसा की मात्रा लीवर के भार से दस प्रतिशत अधिक हो जाती है। ऐसी स्थिति में लीवर सामान्य रूप से कार्य करने में असमर्थ हो जाता है तथा अनेक लक्षणों को उत्पन्न करता है। फैट बढ़ने पर यह लिवर सिरोसिस या फिर लिवर फेलियर तक का कारण बन सकता है। जिन लोगों में फैटी लिवर की परेशानी देखी जाती हैं उन्हें अक्सर पेट संबंधी कोई न कोई समस्या बनी रहती है। फैटी लिवर की परेशानी होने पर मरीज को थोड़ा सा खाने पर ही ओवर ईटिंग का एहसास होता है, वहीं दूसरी ओर कई बार डाइट से ज्यादा खाने पर भी पेट भरा होने का एहसास नहीं होता है।
फैटी लिवर के कारण
1. अधिक वजन होना
2. अनुवांशिक
3. अत्यधिक शराब पीना
4. जरूरत से ज्यादा दवाओं का सेवन
5. टाइप-2 डायबिटीज़ होना
6. मेटाबॉलिज्म सिंड्रोम होना
7. खराब डाइट होना
8. पोस्ट मेनोपॉज से गुजर रही महिला
9. डायबिटीज, बीपी, हाई कोलेस्ट्रॉल होने पर
कौन से खानों से करें परहेज़ -
1. एल्कोहल (Alcohol)
फैटी लिवर बीमारी होने की सबसे बड़ी वजह एल्कोहल यानी शराब होती है। अत्यधिक शराब पीने की वजह से फैटी लिवर की समस्या होने के साथ ही लिवर संबंधी अन्य बीमारियों के होने का भी खतरा बढ़ जाता है। फैटी लिवर के मरीजों को शराब से हमेशा के लिए दूरी बना लेना चाहिए।
2. शुगर (Sugar) – खाने की जिन चीज़ों में ज्यादा मात्रा में शुगर होती है, जैसे कैंडी, कुकीज़, सोड़ा और फ्रूट जूस आदि में ब्लड शुगर का लेवल बढ़ने पर लिवर में ज्यादा मात्रा में फैट जमने लगता है जो परेशानी और बढ़ा सकता है। इन सभी खानों को फैटी लिवर के मरीजों को नहीं खाना चाहिए।
3. तले-भुने खाने (Fried Foods) – फैटी लिवर के मरीजों को तेल और मसालेदार चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। बाहर के फूड आइटम्स में हाई कैलोरी और हाई फैट होते हैं जो लिवर के लिए काफी नुकसानदायक होते हैं।
4. अतिरिक्त नमक (Added Salt) – अत्यधिक मात्रा में नमक का सेवन करने से नॉन एल्कोहोलिक फैटी लिवर डिजीज़ (NAFLD) होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में एक अनुमान के मुताबिक रोजाना 2300 मिलीग्राम से ज्यादा सोडियम हमारे शरीर में नहीं पहूंचना चाहिए। फैटी लिवर के मरीजों के लिए अतरिक्त नमक और परेशानी पैदा कर सकता है।
5. ब्रेड, चावल, पास्ता (White Bread, Rice, Pasta) – सफेद आटा अत्यधिक प्रोसेस किया हुआ होता है इससे हमारे शरीर में ब्लड शुगर काफी तेजी से बढ़ने लगता है। इसमें खड़े अनाज के मुकाबले फाइबर भी काफी कम होता है। ऐसे में फैटी लिवर के मरीजों के साथ ही स्वस्थ्य लोगों को भी इनका सेवन जितना हो सके काम करना चाहिए।
6. रेड मीट (Red Meat) – फैटी लिवर से ग्रसित मरीजों को रेड मीट से एकदम परहेज़ करना चाहिए। रेड मीट जैसे - बीफ, मटन में अत्यधिक मात्रा में सेचुरेटेड फैट होता है जो शरीर के लिए काफी घातक होता है।
डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।