जानिए ककड़ी किन रोगों के लिए होती है फायदेमंद क्या है ककड़ी खाने का सही तरीका?
- Healthy Nuskhe
- Jun 15, 2020
गर्मियों में ककड़ी तो सब खाते होंगे, ये खीरे की ही एक किस्म है, जो हरे रंग की और खीरे से अधिक लम्बी व पतली होती है। ककड़ी को छिलके समेत कच्चा ही खाया जाता है। ककड़ी की बेल होती है, जो खेतों में लगाई जाती है मतलब ककड़ी बेल पर लगती है। इसकी खेती लगभग हर मौसम में की जाती है परन्तु गर्मी के मौसम में पैदा होने वाली ककड़ी सबसे अच्छी होती है। ककड़ी आसानी से हजम होती है और पाचनशक्ति को बढ़ाती है। ककड़ी की तासीर कच्ची ककड़ी शीतल होती है और पकी ककड़ी गर्म होती है।
1. ककड़ी में कौनसे गुण होते हैं
ककड़ी भूख को बढ़ाती है और मन को शांत करती है।
ककड़ी के सेवन से दस्त रोग में लाभ मिलता है।
ककड़ी शरीर की गर्मी को शांत करती और बेहोशी को दूर करती है।
पकी हुई ककड़ी को खाने से गर्मी शांत होती है एवं पाचनशक्ति बढ़ती है।
यह पेट मे एसिड से उत्पन्न रोगों को दूर करती है।
2. ककड़ी खाने के फायदे और उपयोग
पेशाब की जलन
ककड़ी और नींबू का रस निकालकर थोड़ा-सा जीरा व चीनी मिलाकर पीने से पेशाब की जलन दूर होती है।
ककड़ी को पानी में उबालकर और छानकर पीने से पेशाब की जलन दूर होती है। इसके सेवन से पेशाब में धातु आना भी बंद हो जाता है।
मूत्राशय की गर्मी
मूत्राशय की गर्मी को दूर करने के लिए ककड़ी के बीज 10 ग्राम व सुराखार एक ग्राम को आधा लीटर दूध और आधा लीटर पानी में मिलाकर पीना चाहिए। इसके सेवन से मूत्राशय की गर्मी दूर होती है और मूत्र सम्बंधी अन्य रोग भी ठीक होते हैं। यह खड़े-खड़े ही पीना चाहिए और चलते-फिरते रहना चाहिए।
पेशाब की पथरी
ककड़ी के बीज को कबूतर के बीट में पीसकर चावल के माण्ड के साथ सेवन करने से मूत्राशय की पथरी गलकर निकल जाती है।
गुर्दे के रोग
गुर्दे के रोग से पीड़ित व्यक्ति को गाजर, ककड़ी व शलगम का रस निकालकर पीना चाहिए। इसका सेवन लगातार कई हफ़्तों तक करते रहने से गुर्दे सम्बंधी सभी रोग ठीक होते हैं।
चेहरे के कील-मुंहासे
चेहरे पर कील-मुंहासे होने पर ककड़ी का रस निकालकर पीना चाहिए। ककड़ी का रस रोजाना पीने से चहरे पर तांबे के रंग के दाग-धब्बे व मुंहासे आदि दूर होते हैं और चेहरा साफ होता है।
बाल बढ़ाना
ककड़ी में सिलिकन और सल्फर अधिक मात्रा में होने के कारण यह बालों के लिए बहुत लाभकारी होती है। इसका सेवन प्रतिदिन करने से बाल काले व लंबे होते हैं। ककड़ी का रस निकालकर उस रस से बालों को धोने से भी बाल काले व घने होते हैं।
ककड़ी, गाजर और पालक को मिलाकर जूस बनाकर पीने से बाल बढ़ते हैं। इस प्रयोग से बाल गिरना भी बंद हो जाते है।
मूत्राघात
इस रोग से पीड़ित रोगी को उपचार करने के लिए ककड़ी के बीज 10 ग्राम और सेंधानमक 10 ग्राम को पीसकर कांजी मिलाकर पीना चाहिए। ऐसा करने से मूत्राघात रोग समाप्त होता है।
आंखों के नीचे काला घेरा
आंखों के नीचे काले घेरे हमारे शरीर में खून की कमी या अधिक तनाव के कारण होते हैं। इसके लिए खीरे और ककड़ी के दो टुकड़े आंखों पर रखकर लेटने से आंखों को ठंडक मिलती है और काले घेरे मिटते है।
खांसी
खांसी में भी ककड़ी का प्रयोग किया जाता है,खांसी होने पर रोगी को ककड़ी के पत्ते को जलाकर इसका राख 3 से 6 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम गुड़ के साथ सेवन करना चाहिए। इसके सेवन से खांसी दूर होती है और गले में अटका हुआ कफ निकल जाता है। इससे श्वासनली की रुकावट भी दूर होती है।
उच्च रक्तचाप (हाई ब्लडप्रेशर)
हाई ब्लडप्रेशर के रोग से पीड़ित होने पर आपको गर्मी के मौसम में ककड़ी का रस निकालकर 2 चम्मच प्रतिदिन पीना चाहिए।
चेहरे की सुन्दरता
अगर आप चेहरे की चमक बढ़ाना चाहते हैं तो इसके लिए एक बड़ा चम्मच ककड़ी का रस निकालकर इसमें 5 बूंद नींबू का रस व चुटकी भर पिसी हुई हल्दी को मिलाकर लेप बना लें। इस लेप को चेहरे और गर्दन पर अच्छी तरह लगाएं। आधे घंटे के बाद चेहरे को धो लें और तौलिये से रगड़कर पोंछ लें। इससे चेहरे की रौनक बढ़ती है।
शराब का नशा उतारना
शराब के नशे में धुत व्यक्ति को अगर ककड़ी खिलए तो इससे नशा उतर जाता है।
सफेद प्रदर
ककड़ी के बीज 10 ग्राम और सफेद कमल की कलियां 10 ग्राम इन्हें एक साथ पीस लें और इसमें जीरा व चीनी मिलाकर 1 सप्ताह तक सेवन करें इस से महिलाओं का श्वेत प्रदर (ल्यूकोरिया) रोग मिटता है।
ककड़ी खाने के नुकसान
ककड़ी का अधिक मात्रा में सेवन करने से गैस पैदा हो सकती है। ककड़ी में नमक व अजवायन मिलाकर उपयोग करने से ककड़ी में मौजूद दोष दूर होते हैं।
डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।