शुगर कंट्रोल करने के लिए इन चीजों को खाने से करें परहेज़, नहीं तो रातों रात बढ़ सकता है आपका शुगर लेवल
- prabhasakshi
- Feb 07, 2022
डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो व्यक्ति और महिला का जीवन पूरी तरह से बदल देती है। शुगर का रोग होने पर शरीर में इंसुलिन की कमी हो जाती है। शुगर कंट्रोल करने के लिए कुछ लोग अंग्रेजी दवा लेते है पर आप शुगर की आयुर्वेदिक दवा और घरेलू नुस्खे से घर पर भी इलाज कर सकते है। डायबिटीज के मरीज को अपनी लाइफस्टाइल और खान-पान का बहुत ध्यान रखने की जरूरत होती है। मधुमेह एक ऐसी बीमारी है जो कई दूसरी गंभीर बीमारियों की वजह बन सकती है। डायबिटीज हमारे शरीर में इंसुलिन लेवल (Insulin Level) को प्रभावित करती है। ऐसे में मरीज को दवाओं के साथ-साथ डाइट का बहुत ख्याल रखना पड़ता है। यह एक खतरनाक बीमारी है जिसका कोई स्थायी इलाज नहीं है। डायबिटीज में डाइट को मैनेज कर के ही ब्लड शुगर लेवल को मैनेज किया जा सकता है। मधुमेह का सीधा असर हमारे भोजन से जुड़ा होता है। डायबिटीज के मरीजों में मन में अक्सर ये सवाल होता है कि वो क्या खा सकते हैं क्या नहीं। डायबिटीज की वजह से मोटापा, हृदय रोग समेत अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। एक हेल्दी डाइट आपके शुगर लेवल को नियंत्रित रखने के साथ -साथ वजन को भी कंट्रोल में रखने में मदद करता है। डायबिटीज के मरीजों को स्टार्च और चीनी का सेवन करने से परहेज करना चाहिए। अगर आप किसी तरह की बीमारी से ग्रस्ति हैं तो पौष्टिक आहार लेना बहुत जरूरी होता है। स्वस्थ आहार लेने से डायबिटीज के लक्षणों को कम किया जा सकता है। इस दौरान सिर्फ एक ही तरह की चीज नहीं खानी चाहिए। आपकी प्लेट में हेल्दी फैट और फाइबर होना चाहिए। ये आपके पेट को लंबे समय तक भरे रखते हैं। लेकिन कई बार गलत धारणाओं की वजह से लोग पौष्टिक आहार का सेवन नहीं करते हैं। आइए जानते हैं हमें डायबिटीज हो जाने पर किन-किन चीजों को खाने से परहेज करना चाहिए -
क्या नहीं खाना चाहिए
जिन चीजों को ग्लाइसेमिक इंडेक्स ज्यादा है या शुगर लेवल को बढ़ाने का काम करता है, ऐसी चीजों को खाने से परहेज करना चाहिए। आप इनकी जगह हेल्दी ऑप्शन चुन सकते हैं।
डायबिटीज के मरीज इन खानों से करें परहेज
1. फुल फैट मिल्क
दूध स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है। दूध में सभी जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसलिए दूध को डाइट में शामिल करने की सलाह दी जाती है। लेकिन अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं तो आपको फुल फैट मिल्क नहीं पीना चाहिए। ज्यादा फैट से इंसुलिन की मात्रा बढ़ जाती है। इसकी जगह आप लो फैट दूध का उपयोग करें।
2. आलू
आलू एक ऐसी सब्जी है जिसे हरेक व्यक्ति खाना पसंद करता है। आलू स्किन के लिए भी काफी अच्छा माना जाता है लेकिन ये शुगर के मरीज़ों के लिए काफी नुकसानदायक होता है। आलू में हाई कार्बोहाइड्रेट के साथ ही ग्लाइसेमिक इंडेक्स की मात्रा भी अधिक होती है जिसकी वजह से शरीर में ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है। शकरकंद और नियमित आलू दोनों को स्टार्च वाली सब्जियां माना जाता है, जिसका अर्थ है कि इनमें ज्यादातर सब्जियों की तुलना में अधिक मात्रा में कार्बोहाइड्रेट होते हैं। अगर आप शुगर के मरीज हैं तो आपको इनकी मात्रा का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इसके अलावा फ्रेंच फ्राइज या चिप्स से भी दूर रहें।
3. फ्रूट जूस
अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं तो फ्रूट जूस की जगह ताज़ा फलों को अपनी डाइट में शामिल करें, क्योंकि फलों में फाइबर पाया जाता है लेकिन fruit juice में फाइबर की मात्रा काफी कम होती है ये आपके शुगर को और अधिक बढ़ा सकता है।
4. चीकू
डायबिटीज के मरीजों को चीकू को अपने आहार में बिल्कुल भी शामिल नहीं करना चाहिए। क्योंकि चीकू काफी मीठा होता है इसलिए ये शुगर पेशेंट्स के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं माना जाता है।
5. तरबूज
डायबिटीज के मरीजों को वॉटर मैलन यानी तरबूज का अधिक सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि तरबूज मीठा होता है जिससे शरीर में शुगर की मात्रा आसानी से बढ़ जाती है। इसके अलावा इससे हाई ब्लड प्रेशर की भी शिकायत हो सकती है।
6. व्हाइट ब्रेड
डायबिटीज के मरीजों को व्हाइट ब्रेड बिल्कुल नहीं खानी चाहिए। आपको जिस खाने में स्टार्च ज्यादा हो वो नहीं खाना चाहिए। सफेद ब्रेड, मैदा, पास्ता और दूसरी स्टार्च वाली चीजें नहीं खानी चाहिए। ऐसी चीजों में कार्बोहाइड्रेट बहुत ज्यादा होता है जिससे ब्लड शुगर बढ़ सकता है।
7. किशमिश
डायबिटीज के मरीजों को किशमिश खाने से परहेज करना चाहिए। किशमिश मीठी होती है और ऐसे में इसके सेवन से ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है। इसलिए डायबिटीज के मरीजों को किशमिश खाने से परहेज करना चाहिए। ड्राई फ्रूट्स ताजा फलों का कंसन्ट्रेटेड फॉर्म होता है। अंगूर और किशमिश में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा में काफी अंतर होता है। इसलिए किशमिश नहीं करना चाहिए।
डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।