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अब डायबिटीज के मरीज भी बिना किसी चिंता के खा सकते हैं शक्कर, जानें कैसे

By Healthy Nuskhe | Sep 02, 2020

आजकल लोग अपनी सेहत और फिटनेस को लेकर काफी जागरूक हो गए हैं। स्वस्थ रहने के लिए रेगुलर एक्सरसाइज करने के साथ-साथ अपनी डाइट पर ध्यान देना भी बहुत जरूरी है। यही कारण है कि अब ज्यादा से ज्यादा लोग खाने के हेल्थी ऑप्शन का इस्तेमाल करने लगे हैं। आजकल बाजार में कई तरह के हेल्थी और ऑर्गनिक (प्राकृतिक) फूड ऑप्शन मौजूद हैं। अब लोग खाने में मल्टीग्रेन ब्रेड, ऑर्गनिक दालें और सब्जियाँ इस्तेमाल करना ज़्यादा पसंद करते हैं क्योंकि इनमें न्यूट्रिएंट्स की मात्रा ज्यादा और केमिकल्स की मात्रा कम होती है। इसी तरह आजकल सामान्य सफेद चीनी की जगह नेचुरल शुगर का इस्तेमाल ज़्यादा होने लगा है। पिछले कुछ समय से नेचुरल शुगर के तौर पर कोकोनट शुगर काफी लोकप्रिय होती जा रही है। यह एक तरह की प्राकृतिक शक्कर है जो नारियल के पेड़ से मिलती है। कोकोनट शुगर बनाने के लिए कोकोनट पाम (डंठल) से निकलने वाले फ्लूइड (तरल पदार्थ) को तब तक गर्म किया जाता है जब तक इसका सारा ना निकल जाए। इस तरह कोकोनट पाम को अच्छी तरह पकाने के बाद अंत में कोकोनट शुगर मिलती है। कोकोनट शुगर में मिनरल, विटामिन, आयरन, जिंक, कैल्शियम और पोटैशियम जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। सफेद शक्कर की तुलना इसका ग्लाइसीमिक इंडेक्स कम होता है और इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट्स की भरपूर मात्रा होती है जिसकी वजह से डायबिटीज के मरीज भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। कोकोनट शुगर में मिनरल्स और अन्य पोषक तत्वों की मात्रा ज्यादा होने से यह हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। इसके साथ ही सफेद शक्कर की तरह इसमें किसी तरह के केमिकल्स मौजूद नहीं होते हैं। आज के इस लेख में हम आपको कोकोनट शुगर के फायदे बताएंगे - 

डायजेशन बेहतर बनाती है 
कोकोनट शुगर में मौजूद फाइबर इंटेस्टाइन (आंत) में बिफिडोबैक्टीरिया के विकास में मदद करता है। बिफिडोबैक्टीरिया इंटेस्टाइन में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाता है और शरीर की इम्यूनिटी मजबूत करता है। इसलिए रोजाना कोकोनट शुगर का सेवन करना चाहिए। बिफिडोबैक्टीरिया से शरीर में थायमिन, राइबोफ्लेविन, विटामिन B6 और विटामिन K जैसे पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ती है।  

एनर्जी बूस्टर 
कोकोनट शुगर में जिंक, पोटेशियम, आयरन, मिनरल और विटामिन जैसे पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं जो शरीर में ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने में मदद करते हैं। कोकोनट शुगर के इस्तेमाल से शरीर को दिनभर के कामों के लिए ऊर्जा मिलती और थकावट भी दूर होती है। 

ब्लड सर्कुलेशन ठीक करती है 
कोकनट शुगर में आयरन पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है जो ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करने में मदद करता है। आयरन ब्लड में ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ाता है। आयरन से खून में रेड ब्लड सेल्स का निर्माण होता है इसलिए एनेमिया (खून की कमी) के मरीजों के लिए कोकोनट शुगर फायदेमंद है। 

ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करने में मददगार   
डायबिटीज के मरीजों के लिए कोकोनट शुगर एक बेहतर विकल्प है। सामान्य चीनी के मुकाबले कोकोनट शुगर में कम कैलोरीज़ होती हैं। इसके साथ ही इसमें  इंसुलिन नामक फाइबर मौजूद होता है जो खून में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद करता है। 

मोटापा कम करने में फायदेमंद 
सामान्य शुगर की तुलना में कोकोनट शुगर में फ्रूक्टोज की मात्रा कम होती है। दरअसल, फ्रुक्टोज शरीर में जाकर फैट में आसानी से परिवर्तित होता है। फ्रूक्टोज़  जल्दी से ब्रेकडाउन नहीं होता है और जब यह लिवर में जाकर ब्रेकडाउन होता है तो इससे ट्राइग्लिसराइड्स (फैट) रिलीज होता है। खून में ट्राइग्लिसराइड्स की मात्रा बढ़ने से मोटापे के साथ-साथ हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और डायबीटिज जैसी बीमारियाँ भी हो सकती हैं। इसलिए कोकोनट शुगर के सेवन से मोटापा कम करने में मदद मिलती है।
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